कम्प्युटर
की पिढियाँ
कम्प्युटर की
प्रथम पीढि – First Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटर कि प्रथम पीढि की शुरुआत सन
1946 से मानी गई हैं.
क्योंकि इस समय दो महान लोग J.P. Eckert तथा J.W.
Mauchy नें वैक्यूम ट्यूब पर आधारित पहला
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाया था. Vacuum Tube का आविष्कार सन 1904
में John
Ambrose Fleming ने किया था. प्रथम पीढि के कम्प्युटरों में इसी वैक्यूम ट्यूब का
इस्तेमाल किया गया था.
Punch
Cards, Paper Tap तथा Magnetic
Tap को इनपुट डिवाइस एवं आउटपुट डिवाइस के रूप में इस्तेमाल किया जाता था.
प्रथम पीढि कम्प्युटरों में मशीनी भाषा (Machine
Language) का इस्तेमाल प्रोग्रामिंग भाषा (Programming
Language) के रूप में होता था. और Magnetic
Drums का उपयोग Memory के लिए किया जाता था.
प्रथम पीढि कम्प्युटर की विशेषताएं
·
वैक्यूम ट्यूब पर आधारित
·
भंडारण के लिए मैग्नेटिक ड्रम्स का इस्तेमाल
·
पंच कार्डों इनपुट एवं आउटपुट के लिए प्रयोग
·
आकार बहुत बडा और वजनी
·
मशीनी भाषा का प्रयोग
·
AC की जरूरत
·
बहुत महेंगे और विश्वसनीय नहीं
·
लगातार रखरखाव की जरूरत
प्रथम पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम
1.
ENIAC – Electronic Numeric
Integrated and Calculator
2.
EDVAC
3.
UNIVAC
4.
IBM-701
5.
IBM-650
कम्प्युटर की
दूसरी पीढि – Second Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटर की द्वितीय पीढि की समयावधि
1956-63 मानी गई हैं. इस
पीढि के कम्प्युटरों में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर (Transistor)
का प्रयोग हुआ. Transistor
का आविष्कार सन 1947
में William
Shockely ने किया था.
अब कम्प्युटरों में Primary एवं Secondary
Memory का इस्तेमाल होने लगा. और वे Assembly
एवं High-Level
Programming Language को सपोर्ट करने
लगे. तथा उनमे Multi-Programming Operating
Systems का प्रयोग होने लगा था.
दूसरी पीढि के कम्प्युटर की विशेषताएँ
·
Transistor पर आधारित
·
मैमोरी के लिए Magnetic Core और Tap
का इस्तेमाल
·
FORTON, COBOL भाषाओं का इस्तेमाल
·
आकार अभी भी बडा और वजनी
·
Cooling के लिए AC की जरूरत
·
कार्य-विशेष के लिए उपयोग
·
Processing Speed में बढोतरी
·
प्रथम पीढि के मुकाबले कम ऊर्जा की जरूरत
दूसरी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम
1.
Honeywell 400
2.
IBM 7094
3.
CDC 1604
4.
CDC 3000 Series
5.
UNIVAC 1108
6.
IBM 1400 Series
7.
MARK III
कम्प्युटर की
तीसरी पीढि – Fourth Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटरों की तीसरी पीढि की समयावधि
1964-71 मानी गई हैं. इस
पीढि के कम्प्युटर IC – Integrated Circuit पर आधारित थे. IC
का आविष्कार एक इंजिनियर Jack
Kilby ने किया था. एक अकेली IC
में बहुत सारे Transistors,
Resistors, Capacitors समाहित थे.
IC के आविष्कार ने कम्प्युटरों का आकार बहुत छोटा कर दिया. अब इन्हे
एक जगह से दूसरी जगह पर आराम से पहुँचा सकते थे. और Multi-Programming
OS एवं High-Level
Programming Languages के इस्तेमाल में और
सुधार हुआ.
तीसरी पीढि के कम्प्युटर की विशेषताएँ
·
IC पर आधारित
·
आकार में छोटे और कम वजनी
·
अधिक भरोसेमंद और खर्चीले
·
रखरखाव में कमी
·
BASIC, COBOL, FORTON, PASCAL,
ALGOL का इस्तेमाल
·
ऊर्जा की कम खपत पर AC की जरूरत
·
Mouse और Keyboard का इस्तेमाल
·
प्रोसेसिंग़ अन्य पीढियों के मुकाबले तेज
·
General Purpose के लिए इस्तेमाल संभव हुआ
·
कार्यक्षमाता में बढोतरी
तीसरी पीढी के कुछ कम्प्युटरों के नाम
1.
PDP-8
2.
PDP-11
3.
ICL 2900
4.
IBM 360 Series
5.
Honeywell 6000 Series
6.
TDC-B16
कम्प्युटर की चौथी
पीढि – Fourth Generations of Computer in Hindi
कम्प्युटर की चौथी पीढि की शुरुआत 1971
से मानी गई हैं. और 1980
तक का समय चौथी पीढि के लिए माना गया
हैं. इस दौरान IC को और अधिक विकसित
किया गया इस समय की ICs में लगभग 5000 Transistors आ सकते थे. और इसकी कार्यक्षमाता 3,00,00
ट्राजिस्ट्रों के बराबर थी.
इन ICs को VLSI
– Very Large Scale Integrated Circuit कहा जाता था. इस तकनीक ने Microcomputer
की नींव पढी क्योंकि इस समय Micro
Processors इस्तेमाल होने लगे थे. यह समय
कम्प्युटर क्रांति लेकर आया और कम्प्युटर आम इंसान तक पहुँचा.
चौथी पीढि के कम्प्युटर Microprocessor
पर चलते है. और इस समय GUI-
Graphical User Interface का विकास हुआ. और Windows, Mac OS का निर्माण हुआ. इसी समय में Microsoft
और Apple जैसी कंपनियों की शुरुआत हुई. और आज
ये वर्तमान हैं.
चौथी पीढी के कम्प्युटर की विशेषताएँ
·
VLSI Based Microprocessors पर आधारित
·
GUI Based OS का इस्तेमाल
·
अधिक तेज, भरोसेमंद और शुद्ध
·
आकार में बहुत छोटे और हल्के
·
इंटरनेट का इस्तेमाल
·
आम इंसान तक पहुँच
·
AC की जरूरत नही Fan
का इस्तेमाल
·
C, C++, .net जैसी भाषाओं का इस्तेमाल
·
कम खर्चीले
चौथी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के नाम
1.
IBM 4341
2.
DEC 10
3.
STAR 1000
4.
PUP 11
5.
Macintosh
6.
PCs
कम्प्युटर की
पांचवी पीढि – Fifth Generations of Computer
आप जिस डिवाइस पर इस Lesson
को पढ रहे हैं. वह पांचवी पीढि का
कम्प्युटर हैं. पांचवी पीढि की समयावधि 1980 से आजतक मानी गई हैं. इस कालखंड में
कम्प्युटरों में ULSI – Ultra Large Scale
Integrated Circuit Based Microprocessors का इस्तेमाल होने लगा. जिससे ये बहुत तेज और छोटे हो गए है.
क्योंकि एक ULSI Based Microprocessor में एक करोड इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेट आ सकते हैं.
पांचवी पीढि के कम्प्युटरों को हम
इंसानों की तरह सोचने लायक बनाया जा रहा हैं. जिसके लिए Artificial
Intelligence, Internet of Things, Robotics आदि तकनीकों का लगातार विकास और प्रयोग किया जा रहा हैं. आज के कम्प्युटर एक हाथ घडी के आकार का होता हैं और कम
खर्चीला भी हैं. जिसे लगभग हर इंसान खरीद सकता हैं. आज कम्प्युटर दुनिया के हर
इंसान तक किसी ने किसी रूप में पहुँच चुका हैं.
पांचवी पीढि के कम्प्युटर की
विशेषताएँ
·
ULSI Based Microprocessor पर आधारित
·
हल्के, सस्ते, भरोसेमंद और तेज
·
अधिक शुद्ध, इस्तेमाल में आसान
·
GUI आधारित OS का इस्तेमाल
·
Multimedia, Touchscreen, Web,
Voice Control का प्रयोग
·
ना के बराबर रखरखाव
·
ऊर्जा का कम इस्तेमाल
·
C, C++, Java, .net, ASP का इस्तेमाल
·
कृत्रिम बुद्धि का विकास
·
Internet of Things का विकास
पांचवी पीढि के कुछ कम्प्युटरों के
नाम
1.
Desktop PCs
2.
Macbooks
3.
Laptops
4.
Notebooks
5.
Ultrabooks
6.
Chromebooks
7.
iPhone
8.
iWatch